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Date post: 05-Jun-2020
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    :: प्रश्न पत्र - 1 (Paper - I) ::

    प्रायिकतााः

    प्रतिदर्श समति एव ंघटनाए-ंप्रातिकिा मिे और प्रातिकिा समति, मिे फलन के रूप से िादृतछिक चर, िादृतछिक चर का बंटन फलन,

    असंिि िथा संिि प्रकार के िादृतछिक चर, प्रातिकिा द्रव्िमान फलन, प्रातिकिा घनत्व फलन, सतदर्-मान िादृतछिक चर, उपान्ि

    और सप्रतिबन्ध बंटन, घटनाओ ंऔर िादृतछिक चरों की प्रसंभाव्ि स्विंत्रिा, िादृतछिक चर की प्रत्िार्ा िथा आघरू्श, सप्रतिबन्ध

    प्रत्िार्, िादृतछिक चरों की श्रखंला का बंटन में प्रातिकिा में, प्रि, माध्िम में, िथा लगभग सवशत्र तस्थति में अतभसरर् उनका मानदण्ड

    िथा पारस्पररक सम्बन्धाः मोरेल-केटेली प्रमतेिका, चेबीर्ेब िथा तखतंचन के बरहि संख्िाओ ंके दबुशल तनिम, बरहि संख्िाओ ंके

    सबल तनिम िथा कोल्मोगोरोब के प्रमिे, ग्लीबैन्की-कैटैली प्रमिे, प्राथतमकिा जनक फलन, अतभलाक्षतर्क फलन, प्रतिलोमन प्रमिे,

    लाप्लेस का रूपान्िरर् सम्बतन्धि अतििीिि, असांििि की तवतभन्न प्रमिे, बंटन का उसके अघरू्श िारा तनधाशरर्, तलंडनबगश िथा

    लबी के केन्द्रीि सीमा प्रमिे, मानक संिि व असंिि प्रातिकििा बंटन, उनका पारस्पररक सम्बन्ध िथा सीमान्ि बंटन, पररतमि माकोव

    श्रंखला के सामान्ि गरु्धमश।

    साांययिकीि अनुयियताः

    संगति, अतनतभनििा, दक्षिा, पिाशप्तिा, न्िनूिम पिाशप्तिा, परू्शिा सहािक प्रतिदर्शन, गरु्न खण्डन प्रमिे, बन्टन का चरघािांकी समहू

    व इसके गरु्धमश, स्वरूप न्िनूिम प्रसरर् अनतभनि (ि.ूएमपी.ि.ू) आकंलन, राव-ब्लैकबैल और लेहमनै-र्फेे प्रमिे, बंटन के एकल

    व बहु-प्राचल समहूों के तलए क्रामर-राब असतमका न्िनूिम प्रसरर्, पररबद्ध, आकलन िथा उसके गरु् धमश, क्रामर-राव असतमका के

    आपररविशन व तवस्िार, चैवमनै रौतबन्स असतमका, भट्टाचािश के पररबद्ध, आघरू्श तवतध िारा आकलन, अतधकिम संभातविा, न्िनूिम ं

    वगश, न्िनूिम काई-वगश िथा अपररवतिशि न्िनूिम काई-वगश, अतधकिम संभातविा व अन्ि आकलकों के गरु्धमश, उपगामी दक्षिा की

    धारर्ा, पवूश िथा पश्च बंटनों की धारर्ा, बेज आकलक।

    अिादृतछिकर ि व िादृतछिकर ि परीक्षर्, क्रांतसक फलन एम.पी. परीक्षर्, नेमन तपिसशन प्रमतेिका, ि.ूएम.पी परीक्षर्, एकतदि संभातविा

    अनपुाि, सामान्िीकर ि नेमन तपिसशन प्रमतेिका, समरूप व अनतभनि परीक्षर्, एकल व बहु-प्राचल बंटन समहूों के ि.ूएम.पी.ि.ू,

    परीक्षर्, संभातविा अनपुाि परीक्षर् और इसके वरह्ि प्रतिदर्श गरु्धमश, काई-वगश समंजन-सषुु्ठिा परीक्षर् व इसके उपगामी बंटन।

    तवश्वास्ििा पररबद्ध िथा परीक्षर्ों के साथ इसके सम्बन्ध, एकसमान िथाथशिम (ि.ूएम.ए.) व ि.ूएम.ए. अनतभनि तवश्वस्ििा पररबद्ध।

    समजंन सषुु्ठिा के तलए कोल्मोगोरोव का परीक्षर् और इसकी संगति, तचन्ह परीक्षर् का इसका इििमत्व, तबलकोक्सन तचतिि-कोतट

    परीक्षर् और इसकी संगति, कोल्मोगोरोब-तस्मरनोव का दो-प्रतिदर्श परीक्षर्, परम्परा परीक्षर् तवलकोक्सन-मनै तव्हटनी परीक्षर् व

    मातध्िका परीक्षर्, उनकी संगति व उपगामी प्रसामान्ििा।

    वाल्ड का एस.पी.आर.टी व इसके गरु्धमश, ओ.सी. व ए.एस.एन. फलन, बाल्ड की मलू सवशसतमका, अनुक्रतमक आकलन।

    रैयिक अनुियत और बहुचर यिशे्लषणाः

    रैतखक सांतख्िकीि तनदर्श, न्िूनिम वगों का तसद्धान्ि और प्रसरर् तवशे्लषर्, गास-माकोक तसद्धान्ि, सामान्ि समीकरर्, न्िनूिम वगश

    आकलन व इनकी पररर्दु्धिा, एकधा, तिधा व तत्रधा वगीकर ि आकलनों में न्िनूिम वगश तसद्धान्ि पर आधाररि साथशकिा परीक्षर् एवं

    अन्िराल आकलन, समाश्िर् तवशे्लषर्, रैतखक समाश्िर्, वक्ररेखी समाश्िर् व लम्ब कोर्ीि बहुपद, बहुपदीि समाश्िर्, बहु व

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    आतंर्क सहसम्बन्ध, समाश्िर् नैदातनक व संवतेदिा तवशे्लषर्, अरं्र्ोधन समस्िाए,ं प्रसरर् व सहप्रसरर् घटकों को आकलन,

    MINQUE तसद्धान्ि, बहुचरप्रसामान्ि बंटन, महालोनातबब्व का D2 व होटेतलंग का T2 प्रतिदर्शज व उनके अनपु्रिोग व गरु्धमश,

    तबतबक्सर, तवशे्लषर्, तवतहि सहसम्बन्ध, एकधा, MANOVA: मखु्ि घटक तवशे्लषर्, उपादान तवशे्लषर् के अविि।

    प्रयतचिन यसद्धान्त तथा प्रिोगों की अयिकल्पनााः

    तनतश्चि समति व महा-समति उपगमन की रूपरेखा, पररतमि समति प्रतिचिन के ससु्पि लक्षर्, प्रातिकिा प्रतिचिन अतभकल्पना,

    सरल िादृतछिक प्रतिचिन-प्रतिस्थापन के साथ और तबना प्रतिस्थापन के, स्िरीकर ि िादृतछिक प्रतिचिन और संरतचि समति के तलए

    उसकी प्रभातविा, गछुि प्रतिचिन, तिचरर् िथा बहुचरर् प्रतिचिन, एक अथवा अतधक सहािक चरों के तलए अनपुाि व समाश्िर्

    पद्धतििां, तिचरर् प्रतिचिन, प्रतिस्थापन के साथ व उसके तबना, प्रातिकिा अनपुातिक आमाप, प्रतिचिन, हनै्सन-हरतबट्ज और

    हरतबट्ज थॉम्पसन के आकलन हरतवट्ज थॉम्पसन आकलन के सन्दभश में ऋर्ोत्तर प्रसरर् आकलन, अप्रतिचिन त्रतुटिां, संवदेनर्ील

    अतभलक्षर्ों के तलए वानशर की िादृतछिक उत्तर िकनीक।

    तनिम प्रभाव तनदर्श (तिधा वगीकरर्), िादृतछिक एव ंतमतश्ि प्रभाव तनदर्श (सम संख्िा प्रति कोतष्ठका प्रेक्षर्ों के साथ तद्धधा वगीकरर्)

    सी.आर.डी., आर.बी.डी., एल.एस.डी. व उनके तवशे्लषर्, अपरू्श खण्ड अतभकल्पना, लम्बकोर्ीििा व सन्िलुन की संकल्पना

    बी.आई.बी.डी. अप्राप्त के्षत्रक प्रतितध, क्रमगतुर्ि अतभकल्पनााः 21 , 32 एव ं33 क्रमगतुर्ि प्रिोगों में संकरर्, तवभक्त-के्षत्र और सरल

    जालक अतभकल्पनाएं।

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    :: प्रश्न पत्र - 2 (Paper - II) ::

    I. औद्योयगक साांययिकीाः

    प्रयििा एिां उत्पाद यनिांत्रणाः तनिंत्रर् सतचत्रों के सामान्ि तसद्धान्िों: चरों एव ंगरु्ों के तलए तवतभन्न प्रकार की तनिंत्रर् संतचत्राः X,

    R, S, Pnp एव ंC संतचत्र िोग संतचत्राः V.मास्क: गरु्ों के तलए एकल, ति, बहु एव ंअनकु्रतमक प्रतिचिन िोजनाए:ं ओ.सी., ए.एस.एन.,

    ए.ओ.क्ि.ू एव ं ए.टी.आई. वक्र, उत्पादकों एव ं उपभोक्ताओ ं के जोतखमों की अवधारर्ाए,ं ए.क्ि.ूएल., एल.टी.पी.डी. एव ं

    ए.ओ.क्ि.ूएल.ःाः चरों के तलए प्रतिचिन िोजना, डॉज-रोतमग एव ंसैतनक मानक सारतर्िों का उपिोग।

    यिश्वसनीिता की सांकल्पनााः अनरुक्षर्ीििा एव ंउपलब्धिााः श्रंखला एव ंसमान्िर पद्धति की तवश्वसनीििा और अन्ि सरल तवन्िास

    पनुाः स्थापना घनत्व एव ंपनुाः स्थापना फलन, अतिजीतविा तनदर्श (चरघािांकी, बेबलु, लघगुरू्क, रैले और बाथ-टब) अतिररक्तिा के

    तवतभन्न प्रकार और तवश्वसनीि सधुार में अतिररक्तिा का उपिोग; आि ुपरीक्षर् में समस्िाए;ं चरघािांकी प्रतिरूपों के तलए तिन्न और

    खण्ड वतजशि प्रिोग।

    II. इष्टतिीकरण प्रयियधिाां:

    संतक्रिा तवज्ञान में तवतभन्न प्रकार के तनदर्श, उनकी संरचना और हल करने की सामान्ि तवतधिां: अनकुरर् और मांटेकालो तवतध,

    रेतखि प्रोगामन (एल.पी.) समस्िा की संरचना और सतू्रर्, सरल रैतखक प्रोग्रामन प्ररूप और उसका आलेखी हल, एकधा प्रतक्रिा,

    तिचरर् तवतध और कर तत्रम चरों सतहि एम.-िकनीक; रैतखक प्रोग्रामन का िधै तसद्धान्ि और उसका आतथशक तनवशचन; सगु्रातहिा

    तवशे्लषर्, पररवहन एव ं तनििन समस्िा; आिािीि खले; तिव्िक्तीक र्नू्ि-िोग खले; हल करन े की तवतधिां (आलेखी एवं

    बीजगतर्िीि)।

    तवफल एव ंगरु्ाहृतसि मदों का प्रतिस्थापन; समहू और व्िति प्रतिस्थापन नीतििां; वजै्ञातनक िातलका प्रबन्धन की संकल्पना िथा

    िातलका समस्िाओ ंकी तवशे्लतषक संरचना; अग्रिा काल के साथ िथा उसके तबना तनधाशरर्ात्मक एव ंप्रसंभाव्ि मांग के सरल तनदर्श,

    डैम प्रकार के तवर्षे सन्दभश सतहि संचिन तनदर्श। समाघाि तवतबक्त-काल माकोव श्रंखलाए,ं संक्रमर् प्रातिकिा आव्िहू, तस्थतििों

    का वगीकरर् िथा अभ्ितिप्राि के प्रमिे, समघाि सिि-्काल माकोव श्रंखलाए,ं प्वासो प्रतक्रिा, पंतक्त तसद्धान्ि के अविव, एम/एम/1,

    एम/एम/के, जी/एम/1 एव ंएम/जी/1। पंतक्तिां। प्रचतलि सॉफ्टविेर पैकेज, जसेै एस.पी.एस.एस., के उपिोग से सांतख्िकीि समस्िाओ ं

    का कम्प्िटूर हल।

    III. िात्रात्िक अथथशास्त्र ि रायकीि साांययिकीाः

    प्रवरतत्त तनधाशरर्ाः मौसमी व चक्रीि घटकाः बॉक्स-जनैतकन्स तवतध: श्रंखला की तस्थरिा के तलए परीक्षर्, ए.आर.आई.एम.ए. (अररमा)

    तनदर्श िथा स्वसमाश्िर् व गतिमान माध्ि अवििों का क्रम तनधाशरर्, पवूाशनमुान।

    साधारर्ििा प्रिकु्त सचूकांक-लैसतपिर व पार् ेएव ंतफर्र का आदर्श सचूकांकाः श्रंखला-आधाररि सचूकांक, सचूकांक के प्रिोग व

    सीमाए,ं थोक मलूों का सचूकांक, उपभोक्ता, मलू का सचूकांक, कर तष व औद्योतगक उत्पादन का सचूकांक, सचूकांक के परीक्षर् जसेै

    आनपुातिकिा परीक्षर्, काल-तवषिशज, उपदान उत्क्रम परीक्षर्, श्रंखतलक परीक्षर् व तवमीि तनश्चरिा परीक्षर्, व्िापक रैतखक तनदर्श,

    आकलन की साधारर् न्िनूिम वगश व व्िापकीकर ि न्िनूिम वगश तवतधिां, बहुसरेखिा की समस्िा, बहुसरेखिा के पररर्ाम व समाधान,

    स्विहल सम्बन्ध व इसके पररर्ाम, तवक्षोभ की तवषम तवचातलिा व इसका परीक्षर्, तवक्षोभ की स्वितं्रिा हिे ुपरीक्षर्, जलैनर का

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    प्रिीिमान, असम्बद्ध, समाश्िर् समीकरर् तनदर्श व इसका आकलन, संरचना की संकल्पना और िगुवि ् समीकरर् हिे ु तनदर्श

    अतभतनधाशरर् की समस्िा अतभतनधाशरर् के हिे ुकोतट एव ंक्रम प्रतिबन्ध, आकलन की तिस्िरीि न्िनूिम वगश तवतध।

    भारि में जनसंख्िा, कर तष, औद्योतगक उत्पादन, व्िापार और मलू्ि की विशमान र्ासकीि सांतख्िकीि प्रर्ाली; र्ासकीि आकंड़ों के

    संग्रह करने की तवतधिां उनकी तवश्वसनीििा एव ंसीमा और प्रधान प्रकार्, जो ऐसे आकंड़ों को अन्ितवशि करिे हों, आकंड़ों के संग्रह

    के तलए उत्तरदािी तवतभन्न र्ासकीि एजतेसन्िां और उनके मखु्ि कािश।

    IV. यनसाांययिकी और िनोयियताः

    जनगर्ना से प्राप्त जनसांतख्िकी आकंड़े पंजीकरर्, राष्ट्रीि प्रतिदर्श सवके्षर् िथा अन्ि सवेक्षर्, उनकी सीमा और उपिोग, पररभाषा,

    जीवन-मरर् दर और अनपुाि की रचना और उपिोग, उवशरिा की माप, जन्म दर, अस्वस्थिा दर, मानकीकर ि मरत्िदुर, परू्श और संतक्षप्त

    वि सारतर्िां, जन्म-मरर् आकंड़ों और जनगर्ना तववरतर्िों के आधार पर वि सारर्ी का तनमाशर्, वि साररर्िों का उपिोग,

    वरतद्धघाि और अन्ि जनवरतद्ध वक्र वरतद्धपाि वक्र संजन, जनसंख्िा प्रके्षप; स्थाई जनसंख्िा तसद्धान्ि, जनसांतख्िकीि प्राचलों के

    आकलन में स्थाई और कल्प-स्थाई जनसंख्िा प्रतवतधिों के उपिोग, अस्वस्थिा और उसकी माप, मरत्ि ु के कारर् िारा मानक

    वगीरकर्, स्वास््ि सवके्षर्ों और अस्पिाल के आकंड़ों का उपिोग।

    मापक्रमों और परीक्षर्ों की मानकीकरर् पद्धतििाां Z.समकं, मानक समकं, T.समकं, र्त्तमक समकं, बौतद्धक स्िर और उसकी माप

    िथा उपिोग, परीक्षर् समकं की मान्ििा और उसका तनधाशरर् मनोतमि के उपादान, तवशे्लषर् और पथ-तवशे्लषर् का उपिोग।

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