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पा kयम - jmi.ac.in · पा kयम बी.ए.(ऑनस[) ÑहÛद #( $ाइवेट...

Date post: 22-Oct-2020
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पाɫयĐम बी.. (ऑनस[ ) ǑहÛदȣ (Ĥाइवेट fo|kfFkZ;ksa के लए) (2014 - 2015) ǑहÛदȣ वभाग मानवकȧ एवं भाषा संकाय जामया मिãलया इèलामया नई Ǒदãलȣ-110025
Transcript
  • पा य म

    बी.ए. (ऑनस) ह द

    ( ाइवेट fo|kfFkZ;ksa के लए)

    (2014 - 2015)

    ह द वभाग मान वक एवं भाषा संकाय

    जा मया मि लया इ ला मया नई द ल -110025

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    जा मया मि लया इ ला मया : प रचय

    जा मया मि लया इ ला मया क थापना 1920 म अल गढ़ म हु ई थी। यह समय भारत के इ तहास म वतं ता आंदोलन का था। गांधी जी ने अं ेजी सरकार }kjk चलाए जा रहे श ा सं थान का यह कह कर वरोध कया था क ये रा हत के वरोध म काम करते ह। ख़लाफ़त तथा असहयोग आंदोलन इसी उ े य के तहत आरंभ कए गए थे। िजन महान लोग ने गांधी जी क इस आवाज़ पर इन आंदोलन म भाग लया उनम शैख़ुल ह द मौलाना महमूद हसन, मौलाना मोह मद अल , हक म अजमल ख़ा,ं डॉ. मु तार अहमद अंसार , अ दुल मजीद वाजा तथा डॉ. ज़ा कर हु सैन मुख थे। इन लोग ने न केवल जा मया मि लया इ ला मया क थापना क , बि क इस चमन को अपने ख़ून-पसीने से सींच कर आबाद भी कया। जा मया मि लया इ ला मया 1925 म अल गढ़ से द ल थानांत रत हो गई। तब से लेकर आज तक जा मया दन दूनी

    रात चौगुनी तर क़ कर रह है तथा समकाल न आव यकताओं के अनु प वयं को ढालने म स म रह है। अपने सं थापक के सपन को साकार करते हु ए जा मया अपने छा के सवागीण वकास क दशा म यासरत है। जा मया मि लया इ ला मया के सं थापक का सदैव इस बात पर बल रहा है क श ा क पार प रक जड़ को मज़बूत कया जाए। जा मया ने इस का हमेशा यास कया है क छा म देश के इ तहास, उसक सं कृ त तथा इ लाम के इ तहास क बेहतर समझ पैदा हो। इ ह ं बात को यान म रखकर जा मया म

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    इ लाम क श ा के साथ-साथ ह दू धमशा तथा भारतीय धम और सं कृ त जैसे वषय क श ा का ावधान कया गया। श ा के े म अ भनव योग करते हु ए जा मया के सं थापक ने यहाँ के शै णक काय म तथा पा य म स बंधी ग त व धय म रा य तथा सावभौ मक आयाम जोड़े। इस बात का सदैव यान रखा गया क जा मया के छा को मू य-आधा रत श ा द

    जाए और उ ह बेहतर नाग रक बनाने क दशा म काय कया जाए। जा मया के छा यि तगत च के पा य म को पढ़ते हु ए भी सामािजक उ तरदा य व के बोध से वं चत न ह । दूसरे व व व यालय क तरह जा मया ने भी तकनीक श ा, इंजी नय रंग, कॉमस, फ़ाइन vkV~lZ, जनसंचार, सूचना तकनीक तथा व तार श ा के े म काफ ग त क है। यहाँ एकेड मक टाफ कॉलेज तथा थड व ड टडीज़ क भी थापना क गई है।

    जा मया म श ा का मा यम मु य प से उद,ू ह द तथा अं ेज़ी है। यहाँ श ा का उ े य उ च ान के ोत को ान के दूसरे े के साथ जोड़ना है। व व व यालय अपने छा तथा श क को शै णक वातावरण दान करने क सदैव को शश करता है। कुछ मुख बात इस कार ह:

    (क) श ा म नवीनता लाने के उ े य से समय-समय पर पा य म म फेरबदल। पढ़ाने के नये-नये तर क़े तथा यि त व वकास पर वशेष बल।

    (ख) व भ न अनुशासन म श ा। (ग) अ तर-अनुशासना मक अ ययन। (घ) रा य एकता, धम नरपे ता तथा अंतरा य समझ।

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    ह द वभाग : सं त प रचय जा मया मि लया इ ला मया म ह द का पठन-पाठन व व व यालय क थापना के साथ ह आरंभ हो गया था। जा मया के सं थापक ने ह द भाषा के श ण को यथो चत मह व दया। एक लंबे समय तक यहाँ नातक तर पर ह ह द भाषा एवं सा ह य का अ ययन-अ यापन होता रहा। के य व व व यालय बनने से कुछ वष पूव 1983 म यहाँ नातको तर पा य म ारंभ कया गया। एम. ए. के पा य म म शु से ह जनसंचार तथा रचना मक लेखन को मह व दया गया और रचना मक लेखन एवं प का रता को वैकि पक न प के प म पा य म म सि म लत कया गया। देश के कसी भी व व व यालय म इस कार का यह पहला पा य म था। सन ् 1994 म वभाग म जनसंचारपरक लेखन म नातको तर ड लोमा आरंभ कया गया। इसक सफलता को देखते हु ए सन ् 2001 म ह द वभाग म ट . वी. प का रता म नातको तर ड लोमा शु कया गया। स त ह द वभाग म इन दोन ड लोमा पा य म के अलावा बी. ए. ऑनस मास मी डया ( ह द ), एम. ए. और एम. फल ् का अ ययन-अ यापन हो रहा है। सन ् 1985 से नरंतर यहाँ शोध-काय (पीएच. डी.) भी हो रहा है। वभाग सा ह य के तुलना मक अ ययन स बंधी शोध काय को ो साहन देता है। ह द वभाग म जा मया का एक अ नवाय पा य म ‘ ह दू धम शा ’ भी पढ़ाने क यव था है। वभाग के अनेक सद य व भ न पुर कार से स मा नत कए गए ह तथा वदेश म भी ह द अ यापन का काय कर चुके ह।

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    वभागीय सद य 1. ो. दुगा साद गु त (अ य ), एम. ए., एम. फल.्, पीएच. डी.

    (जवाहरलाल नेह व व व यालय, नई द ल ) 2. ो. महे पाल शमा, एम.ए., एम. फल.्, पीएच. डी. (जवाहरलाल

    नेह व व व यालय, नई द ल ) 3. ो. हेमलता म ह वर, एम.ए., बी. एड., एम. फल.्, पीएच. डी.

    (गु घासीदास व व व यालय, वलासपुर) 4. डॉ. कृ ण कुमार कौ शक, एम.ए., एम. फल.्, पीएच. डी. ( द ल

    व व व यालय, द ल ) 5. डॉ. अ नल कुमार, एम. ए., एम. फल.्, पीएच. डी. (अल गढ़

    मुि लम व व व यालय, अल गढ़) 6. डॉ. इ दु वीरे ा, एम. ए., एम. फल.्, पीएच. डी. (जा मया

    मि लया इ ला मया, नई द ल ) 7. डॉ. च देव संह यादव, एम.ए., पीएच. डी. (जा मया मि लया

    इ ला मया, नई द ल ) 8. डॉ. नीरज कुमार, एम. ए., एम. फल.्, पीएच. डी. ( द ल

    व व व यालय, द ल ) 9. डॉ. कहकशां अहसान साद, एम.ए., पीएच. डी. (अल गढ़ मुि लम

    व व व यालय, अल गढ़) 10. डॉ. ववेक दु बे, एम.ए., पीएच. डी. (जा मया मि लया इ ला मया,

    नई द ल ) 11. डॉ. दल प कुमार शा य, एम. ए., एम. फल.्, पीएच. डी.

    (जवाहरलाल नेह व व व यालय, नई द ल )

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    12. डॉ. अ दुरहमान मुसि वर, एम. ए., एम. एड., पी.जी. ड लोमा मास मी डया, एम. फल.्, पीएच. डी., (जा मया मि लया इ ला मया, नई द ल )

    13. डॉ. मुकेश कुमार मरोठा, एम. ए., एम. फल.्, पीएच. डी. (जा मया मि लया इ ला मया, नई द ल )

    14. डॉ. अजय कुमार नाव रया, एम. ए., एम. फल.्, पीएच. डी. (जवाहरलाल नेह व व व यालय, नई द ल )

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    बी. ए. ऑनस ( ह द ) वा षक पा य म ( ाइवेट व या थय के लए)

    अनु म पृ ठ सं या ँ थम वष

    पा य म-1 ह द सा ह य का इ तहास 11 f}rh; वष

    पा य म-2 म यकाल न का य 15

    पा य म-3 नाटक एवं नबंध 20 तृतीय वष पा य म-4 आधु नक क वता 25 पा य म-5 कथा सा ह य 29 पा य म-6 ह द भाषा का वकास 32 पा य म-7 सा ह यशा 34 पा य म-8 वैकि पक नप ( वशेष अ ययन) 36

    (क) कबीर 36 (ख) नागाजुन 39 (ग) ेमचंद 42

    पा य म-9 मौ खक 44

  • 9

    बी. ए. ऑनस ( ह द ) थम वष

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    पा य म-1 ह द सा ह य का इ तहास पूणाक : 100 इकाई-1 काल वभाजन ह द सा ह य के मुख इ तहास ंथ : काल

    नधारण एवं नामकरण

    इकाई-2 आ दकाल युगीन प रि थ तया ँ

    स , नाथ, जैन तथा रासो सा ह य क मुख वृ ि तया ँ

    इकाई-3 भि तकाल युगीन प रि थ तया ँ मुख वृ ि तया-ँ संत का य, सूफ का य, राम

    भि त-का य, कृ ण भि त-का य

    इकाई-4 र तकाल युगीन प रि थ तया ँ मुख वृ ि तया-ँ र तब , र त स और र तमु त

    का य।

    इकाई-5 आधु नक युग युगीन प रि थ तया ँमुख वृ ि तया-ँ ह द नवजागरण, भारते दु युग,

    f}osnh युग, छायावाद युग, छायावादो तर सा ह य।

    नदशः येक इकाई से आलोचना मक न पूछे जाएंगे।

    अंक वभाजन : 20X5 = 100

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    अनुमो दत ंथ : 1. ह द सा ह य का इ तहास रामचं शु ल 2. ह द सा ह य का आ दकाल हजार साद f}osnh 3. ह द सा ह य का अतीत व वनाथ साद म 4. ह द सा ह य का आलोचना मक इ तहास रामकुमार वमा 5. ह द सा ह य का वै ा नक इ तहास गणप तचं गु त 6. ह द सा ह य का इ तहास सं. डॉ. नग 7. ह द सा ह य और संवेदना का वकास राम व प चतुवद 8. ह द सा ह य का दूसरा इ तहास ब चन संह 9. ह द सा ह य का सरल इ तहास व वनाथ पाठ 10. ह द सा ह य का ववेचनपरक इ तहास मोहन अव थी

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    बी. ए. ऑनस ( ह द )

    f}rh; o’kZ

  • 14

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    पा य म-2 म यकाल न का य पूणाक : 100

    इकाई-1 सा हि यक एवं सां कृ तक पृ ठभू म आ दकाल न का य भि त आंदोलन भि त का य क व भ न धाराए ँदरबार सं कृ त एवं र तका य

    इकाई-2 पा य म म नधा रत क वय के पाठ क या या ( क ह ं तीन का यांश क या या करनी होगी)

    नधा रत क व एवं क वताए ं:

    कबीरदास (कबीर ंथावल : सं. पारसनाथ तवार ) पद

    1. हमारै गु द ह ं अजब जर 2. दुल हनी गावहु मंगलाचार 3. राम भग त अ नयाले तीर 4. तननां बुननां त यौ कबीर 5. अब कहु राम कवन ग त मोर 6. संतो भाई आई यान क आँधी रे 7. झूठे तन क या गरबावै 8. हम न मर म रह संसार 9. एक अचंभा देखा रे भाई 10. माया महा ठ ग न हम जानी

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    साखी सतगुर म हमा कौ अंग

    1. सतगुर क म हमा अनंत 2. सतगुर मेरा सू रवा ंेम बरह कौ अंग 1. बरहा बरहा म त कहौ

    पउ प हचा नबे कौ अंग 1. क तूर कंुड ल बसै 2. य नैन न म पूतर 3. जाके मु ंह माथा नह ंपरचा कौ अंग 1. जब म था तब ह र नह ं 2. पानी ह त हम भया सूरातन कौ अंग 1. कबीर यहु घर ेम का 2. ेम न बार ऊपज ै

    म लक मुह मद जायसी (जायसी ंथावल , सं. आ. रामच शु ल) नागमती वयोग ख ड (प ावत से) सूरदास (सूरसागर : सं. न ददुलारे वाजपेयी) पद सं याः 2, 19( वनय), 13, 43, 177, 245, 411,

    478, 620, 672, 673 (दशम कंध, थम खंड), 3175,

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    3185, 3521, 3604, 3975, 4073, 4119, 4157 (दशम कंध, वतीय खंड)

    तुलसीदास रामच रत मानस(बाल का ड) – छंद सं या 229(देखन

    बाग कँुअर दुइ आए) से लेकर छंद सं या 238 तक। वनय प काः पद

    कबहु ंक अंब अवसर पाइ जाग,ु जागु जीव जड़ अबल नसानी अब न नसैह केसव! क ह न जाइ का क हये ऐसो को उदार जग माह ं

    बहार ( बहार र नाकर, सं. जग नाथदास ‘र नाकर’) दोहे : मेर भव-बाधा हरौ / कहत, नटत, र झत, खझत /

    न ह ंपरागु न हं मधुर मधु छुट न ससुता क झलक / तं ी-नाद क ब त-रस / या अनुरागी च त क / कर बरह ऐसी, तऊ / घ -घ डोलत द न वै / औधाई सीसी, सुल ख / वारथ,ु सुकृतु न, मबृथा

    कहत सबै बद दय / सहज सेत पँचतो रया / लखन बै ठ जाक सबी / दुसह दुराज जानु क / ग उरझत, टूटत कुटुम / बसै बुराई जासु तन / र नत भृ ंग घंटावल / ललन

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    सलोने अ रहे / अ त अगाध,ु अ त औथरौ / करौ कुबत जग,ु कु टलता

    घनानंद सवैया : जा हत मात को नाम जसोदा / ह न भएं जल मीन अधीन / म रबो बसराम गनै वह तौ / अ त सूधो सनेह को मारग है / घनआनंद यारे सुजान सुनौ / परकाज ह देह को धा र फरो / सावन आवन हे र सखी / पहल प हचा न जु मा न लई / प लुभाय लगी तब तौ / फै ल रह धर अंबर पू र। क व त : एरे बीर पौन तेरो सबै ओर गौन / जोई रात यारे-संग बातन न जात जानी / आनाकानी आरसी नहा रबो करौगे कौ ल / अंतर म बासी पै बासी को सो अंतर है / ेम को महोद ध अपार हे र कै।

    इकाई-3 कबीर और जायसी क का यगत वशेषताओं पर

    समी ा मक न। (साधना प तया,ँ रह यवाद, समाज सुधार, दाश नक मा यताए,ँ लोकत व, भाषा।)

    इकाई-4 सूर और तुलसी क का यगत वशेषताओं पर

    समी ा मक न।

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    (सगुण भि त का व प और सूर तथा तुलसी क क वताए,ँ भि त, वा स य एवं ेम, सम वय, दशन, भाषा।)

    इकाई-5 बहार और घनानंद क का यगत वशेषताओं पर

    समी ा मक न। (र त-का य के संदभ म बहार और घनानंद क क वता का मू यांकन, ृ ंगार एवं ेम, भाषा।)

    अंक वभाजन : तीन या याएं 40 अंक चार आलोचना मक न 4X15 = 60 अनुमो दत ंथ 1. जायसी थावल सं. रामच शु ल 2. कबीर हजार साद f}osnh

    3. जायसी वजयदेव नारायण साह 4. सूरदास रामच शु ल 5. तुलसी रामच शु ल 6. बहार काश व वनाथ साद म 7. सूफ मतः साधना और सा ह य रामपूजन तवार 8. भि त आंदोलन और सूरदास का का य मैनेजर पा डेय 9. र त का य क भू मका डॉ. नगे 10. पर परा का मू यांकन राम वलास शमा 11. घनानंद का क य रामदेव शु ल 12. सनेह को मारग इमरै बंघा

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    पा य म -3 नाटक एवं नबंध पूणाक : 100 इकाई-1 नधा रत नाटक

    ु व वा मनी - जयशंकर साद आधे-अधूरे - मोहन राकेश

    इस इकाई के अंतगत नधा रत नाटक से संबं धत न न बंदुओ ं पर आधा रत समी ा मक न पूछे जाएँगेः 1. ना य त व : भारतीय एवं पा चा य 2. मूल संवेदना 3. रंगमंच 4. चा र क वकास

    इकाई-2 इस इकाई के अंतगत नधा रत नाटककार क

    ना यकला, वचारधारा और भाषा से संबं धत समी ा मक न पूछे जाएँगे।

    इकाई-3 ह द नबंध का वकास भारते दुयुगीन ह द नबंध f}osnh युगीन ह द नबंध छायावाद युगीन ह द नबंध छायावादो तर ह द नबंध

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    नबंध के कार : वणना मक, भावा मक, वैचा रक, या या मक, ल लत आ द

    (इस इकाई से आलोचना मक न पूछे जाएंगे।) इकाई-4 नधा रत नबंध

    वग म वचारसभा का अ धवेशन भारते द ुह र च लाड कजन क बदाई बालमुकंुद गु त उ साह रामच शु ल देवदा हजार साद f}osnh ठठुरता हुआ गणतं ह रशंकर परसाई

    ( नधा रत नबंधकार एवं नबंध पर आधा रत समी ा मक

    न पूछे जाएंगे।) इकाई-5 नधा रत नाटक एवं नबंध म से कुल तीन अंश क

    या या करनी होगी। अंक वभाजन : तीन या या 40 अंक चार आलोचना मक न 4X15 = 60

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    अनुमो दत ंथ 1. ह द नाटक : उ व और वकास दशरथ ओझा 2. नाटक और रंगमंच सं. गर श र तोगी 3. ह द नाटक ब चन संह 4. साद का ना य-कम स य कुमार 5. आज के रंग नाटक सं. सुरेश अव थी 6. रंग-भाषा ने मच जैन 7. ह द ग य का वकास और मुख शैल कार गुलाब राय 8. ह द सा ह य : बीसवीं शता द नंददुलारे वाजपेयी 9. आधु नक सा ह य नंददुलारे वाजपेयी 10. नया सा ह य : नए न नंददुलारे वाजपेयी 11. नबंध नलय स य 12. त न ध ह द नबंधकार ह रमोहन 13. सा ह य सहचर हजार साद f}osnh

  • 23

    बी. ए. ऑनस ( ह द ) तृतीय वष

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    पा य म-4 आधु नक क वता पूणाक : 100 इकाई-1 पा य म म नधा रत क वय के पाठ क या या।

    क ह ं तीन का यांश क या या करनी होगी। नधा रत क व एवं क वताएँ : 1. भारते दु ह र च

    मारग ेम को को समुझ,ै यह संग म ला गयै डोल सदा, आजु ल जौ न मले तो कहा, घे र-घे र घन आए, एक बेर नैन भ र देख जा ह, नज भाषा उ न त अहै, अं ेजी प ढ़ के जद प, यह सब भाषा काम क , गु सखवत बहु भां त, इक भाषा इक जीव इक, बैर बरोध ह छो ड़ कै, ना र पढ़े बनु एकहू, सब गु जन को बुरा बतावे, भीतर-भीतर सब रस चूस,ै इनक उनक खदमत करो, मु ँह जब लागे तह ना हं छूटै, लखौ कन भारतवा सन क ग त।

    2. मै थल शरण गु त नज सौध सदन म उटज पता ने छाया मेर कु टया म राज-भवन मन भाया। साकेतः अ टम सग

    3. जयशंकर साद कामायनी : ल जा सग (आरंभ के बीस छंद)

    4. सूयकांत पाठ ‘ नराला’

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    सं या सु ंदर जागो फर एक बार (दोन भाग)

    5. सि चदानंद ह रान द वा यायन ‘अ ेय’ कलगी बाजरे क , यह द प अकेला

    6. भवानी साद म गीत फरोश, सतपुड़ा के घने जंगल

    7. लोचन शा ी उस जनपद का क व हू ँताप के ताए हु ए दन दन ये फूल के ह

    8. सुदामा पांडेय धू मल मोचीराम

    इकाई-2 भारते दु और मै थल शरण गु त क का यगत

    वशेषताओं से संबं धत समी ा मक न। (i) ह द नवजागरण के संदभ म भारते दु क

    क वताओं का मू यांकन, का य-भाषा। (ii) ह द नवजागरण तथा f}osnh युग के संदभ म

    मै थल शरण गु त क क वताओं का ववेचन, का य-भाषा

    इकाई-3 साद और नराला क का यगत वशेषताओं से

    संबं धत समी ा मक न। (छायावाद के संदभ म

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    साद और नराला क क वताओं का मू यांकन, का य-भाषा, श प)

    इकाई-4 अ ेय और भवानी साद म क का यगत

    वशेषताओं से संबं धत समी ा मक न। ( योगवाद और नयी क वता के संदभ म अ ेय और भवानी साद म क क वताओं का ववेचन।)

    इकाई-5 लोचन और धू मल क का यगत वशेषताओं से

    संबं धत समी ा मक न। (साठो तर क वता और लोचन तथा धू मल क

    क वताएँ।) अंक वभाजन :

    तीन या या 40 अंक चार आलोचना मक न 4X15 = 60 अंक

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    अनुमो दत ंथ 1. आधु नक ह द सा ह य नंददुलारे वाजपेयी 2. आधु नक सा ह य क वृ ि तया ँ नामवर संह 3. छायावाद नामवर संह 4. वछंदतावाद डॉ. ेमशंकर 5. छायावादो तर ह द क वता क वृ ि तया ँ लोचन पा डेय 6. क वता के नए तमान नामवर संह 7. तारस तक क भू मका अ ेय 8. नई क वता और अि त ववाद राम वलास शमा 9. महादेवी क क वता का नेप य वजय बहादुर स ंह 10. वप का क व धू मल राहु ल 11. मुि तबोध क क वताई अशोक च धर 12. नराला : आ महंता आ था दूधनाथ संह 13. अ ेय : क व और का य राजे साद 14. लोचन के बारे म सं. गो ब ंद साद

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    पा य म-5 कथा सा ह य पूणाक : 100 इकाई-1 ह द कहानी का वकास

    (क) ारं भक कहा नया ँेमचंद युग, ेमचंदो तर युग

    (ख) नई कहानी (ग) साठो तर कहानी (घ) समकाल न कहानी

    इकाई-2 इस इकाई के अ तगत पा य म म नधा रत

    कहा नय क अंतव त,ु के य सम या, वचारधारा और श प संबंधी समी ा मक न पूछे जाएंगे।

    नधा रत कहा नया ँ:

    1. उसने कहा था - च धर शमा गुलेर 2. ईदगाह - ेमचंद 3. पुर कार - जयशंकर साद 4. करवा का त - यशपाल 5. आ ा - मोहन राकेश 6. वापसी - उषा यंवदा

    (कहानी व वधा / संकलन : डॉ. देवीशंकर अव थी)

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    इकाई-3 ह द उप यास का वकास ारं भक उप यास, ेमच दयुगीन उप यास, ेमच दो तर उप यास, वातं यो तर उप यास,

    साठो तर उप यास, समकाल न उप यास। इकाई-4 नधा रत उप यास-1

    कमभू म ेमचंद इकाई-5 नधा रत उप यास-2 गंगा मैया भैरव साद गु त इकाई सं या चार और पाँच म नधा रत उप यास के

    संबंध म समी ा मक न पछेू जाएँगे : अंतव त,ु के य सम या, चा र क वकास, वचारधारा, श प।

    अंक वभाजन : 20X5 = 100

  • 31

    अनुमो दत ंथ 1. कहानी नयी कहानी नामवर संह 2. ह द कहानी क रचना या परमानंद ीवा तव 3. ह द कहानी पाठ और या सुरे चौधर 4. ह द कहानी का वकास मधुरेश 5. कहानीः व प और संवेदना राजे यादव 6. ह द कहानी : अंतरंग पहचान रामदरश म 7. उप यास का उदय आयन वॉट 8. ह द उप यास : एक अ तया ा रामदरश म 9. ह द उप यास : पहचान और परख इं नाथ मदान 10. ह द उप यास : 1950 के बाद सं. नमला जैन 11. उप यास और लोकजीवन रा फ फॉ स 12. ह द उप यास का वकास मधुरेश 13. उप यास का पुनज म परमानंद ीवा तव 14. ह द उप यास ि थ त और ग त चं कांत वां दवड़ेकर 15. आधु नक ह द उप यास सं. नामवर संह 16. ह द उप यास का इ तहास गोपाल राय

  • 32

    पा य म-6 ह द भाषा का वकास पूणाक : 100 इकाई-1 ह द भाषा क उ पि त एवं वकास

    (क) व व के मुख भाषा प रवार (ख) ह द भाषा क उ पि त (ग) ारि भक ह द इकाई-2 बो लय का सा हि यक भाषा के प म वकास

    (क) ह द क मुख बो लया ँ (ख) अवधी का सा हि यक भाषा के प म वकास

    (ग) ज का सा हि यक भाषा के प म वकास इकाई-3 भाषा नी त और खड़ी बोल

    (क) अं ेज़ क भाषा नी त (ख) ह द , उद,ू ह दु तानी (ग) का य भाषा के प म खड़ी बोल का वकास इकाई-4 देवनागर और राजभाषा

    (क) ह द का श द-भ डार (ख) देवनागर ल प का मानक करण (ग) राजभाषा और रा भाषा इकाई-5 ह द के व वध प

    (क) सं वधान म ह द क ि थ त (ख) स पक भाषा के प म ह द

  • 33

    (ग) कायालयी भाषा के प म ह द नदश : सभी यू नट से आलोचना मक न पूछे जाएँगे

    अंक वभाजन : 20X5=100 अनुमो दत थं 1. ह द भाषा का इ तहास भोलानाथ तवार 2. ह द भाषा हरदेव बाहर 3. पुरानी ह द चं धर शमा गुलेर 4. भारत क भाषा सम या राम वलास शमा 5. ह द भाषा म अप ंश का योग नामवर संह 6. ह द भाषा का उ गम और वकास उदयनारायण तवार

  • 34

    पा य म-7 सा ह यशा पूणाक : 100 इकाई-1 का यशा का व प

    (क) का य-हेतु (ख) का य- योजन

    (ग) का य क आ मा (घ) श दशि त (ङ) का य-गुण एवं का य-दोष इकाई-2 भारतीय का य-शा

    (क) का य-शा के व भ न स दाय : प रचय (ख) रस एवं रस- न पि त (ग) साधारणीकरण

    इकाई-3 पा चा य का य-शा

    (क) ाचीन सा ह य- स ांत : लेटो, अर त,ू ल जाइनस (ख) व छंदतावाद (ग) यथाथवाद (घ) मा सवाद

    इकाई-4 ह द आलोचना

    (क) र तकाल न ह द का यशा (ख) आधु नक ह द आलोचना

  • 35

    इकाई-5 मुख आलोचक आचाय रामच शु ल, आचाय न ददुलारे वाजपेयी,

    आचाय हजार साद f}osnh, डॉ. नामवर संह, डॉ.

    राम वलास शमा।

    नदशः सभी यू नट से आलोचना मक न पूछे जाएँगे।

    अंक वभाजन : 20X5=100 अनुमो दत ंथ 1. का यशा क भू मका डॉ. नगे 2. भारतीय का यशा स यदेव चौधर 3. नयी समी ा के तमान नमला जैन 4. सा ह य चंतन देव इ सर 5. पा चा य सा ह य चंतन नमला जैन, कुसुम बां ठया 6. सा ह य स ांत रेनेवेलेक, ऑि टन वारेन 7. रस- स ांत का पुन ववेचन डॉ. गणप तचं गु त 8. मा सवाद सा ह य चंतन शवकुमार म 9. सा ह यालोचन बाबू यामसु ंदर दास 10. आचाय रामचं शु ल और ह द आलोचना राम वलास शमा 11. इ तहास और आलोचना नामवर संह 12. ह द आलोचना : बीसवीं सद नमला जैन 13. ह द आलोचना के बीज श द ब चन संह 14. ह द आलोचना व वनाथ पाठ 15. ह द आलोचना : बीसवीं शता द नंद कशोर नवल 16. समकाल न आलोचक और आलोचना रामब

  • 36

    वैकि पक पा य म पूणाक : 100 (वैकि पक पा य म म कबीर, नागाजुन अथवा ेमचंद म से कसी एक का वशेष अ ययन करना होगा।) पा य म-8 (क) कबीर

    इकाई-1 कबीर और उनका युग सामािजक-सां कृ तक पृ ठभू म पूववत साधना प तया ँ भि तकाल न धम-साधना और कबीर (आलोचना मक न) इकाई-2 कबीर का दशन

    कबीर का रह यवाद कबीर के राम कबीर क क वता म सूफ मत कबीर क क वता पर स -नाथ का भाव (आलोचना मक न)

    इकाई-3 कबीर का मह व

    कबीर क ासं गकता द लत वमश और कबीर कबीर क क वता का लोक से संबंध कबीर क भाषा (आलोचना मक न)

  • 37

    इकाई-4 यावहा रक समी ा (पद-15) सतगुर म हमा- 1,2,4 ेम- 5,10,11,12,17 साधू म हमा- 28,32 परचा- 50,52,55,56 भग त संजीवनी- 106 नरंजन राम- 153 माया- 162 नंदक साकल- 166 भेख आडंबर- 175 भरम बधूसन- 180,181,187 इकाई-5 यावहा रक समी ा(साखी-20)

    सतगुर क म हमा कौ अंग- 2,3,4,7,9,16,18,20,22,23,27,30 ेम बरह कौ अंग- 1,3,4,5,6,7,11,17,20,23,41

    साध ूम हमा कौ अंग- 1,3,7,14,18,30,33 द नता बनती कौ अंग- 7,10,11

    (कबीर ंथावल : सं. डॉ. पारसनाथ तवार )

    अंक वभाजन : तीन या या 40 अंक चार आलोचना मक न 4X15 = 60

  • 38

    अनुमो दत ंथ 1. कबीर हजार साद f}osnh

    2. कबीर क वचारधारा गो व ंद गुणायत 3. कबीर वजये नातक 4. कबीर : एक नई ि ट रघुवंश 5. कबीर सा ह य क परख परशुराम चतुवद 6. भि त का य का समाजशा ेमशंकर 7. कबीर अकेला डॉ. रमेशच म 8. ह द का य क नगुण धारा म भि त यामसु ंदर शु ल 9. भि त का य क भू मका ेमशंकर 10. अकथ कहानी ेम क पु षो तम अ वाल 11. कबीर के आलोचक डॉ. धम वीर

  • 39

    पा य म-8 (ख) नागाजुन इकाई-1 युगीन प र य

    ग तवाद और नागाजुन नागाजुन क ग तशीलता नागाजुन क वचारधारा नागाजुन का यं य (आलोचना मक न)

    इकाई-2 क व- यि त व नागाजुन का क व- यि त व नागाजुन क क वता का सामािजक-राजनी तक संदभ नागाजुन क क वता म लोक नागाजुन क क वता म ेम नागाजुन क का य-भाषा (आलोचना मक न) इकाई-3 नागाजुन का ग य

    नागाजुन के उप यास क अंतव त ुनागाजुन के उप यास म थानीयता नागाजुन क कथा-भाषा नागाजुन का उप यास- श प (आलोचना मक न)

  • 40

    इकाई-4 नधा रत पाठ : उप यास बलचनमा र तनाथ क चाची (आलोचना मक न) इकाई-5 नधा रत पाठ : क वताए ँ बादल को घरते देखा है अकाल और उसके बाद गुलाबी चू ड़या ँ ेत का बयान स दूर तल कत भाल ह रजन गाथा ( नधा रत पाठ से या या पूछ जाएगी)

    अंक वभाजन : तीन या या 40 अंक चार आलोचना मक न 4X15 = 60

  • 41

    अनुमो दत ंथ 1. नागाजुन संवाद वजय बहादुर स ंह 2. नागाजुन क क वता अजय तवार 3. नागाजुन का रचना संसार वजय बहादुर स ंह 4. नागाजुन का का य और युग अंतःसंबंध का अनुशीलन जग नाथ पं डत 5. कथाकार नागाजुन जग नाथ पं डत 6. नागाजुन क चय नत क वताए ँ सं. मैनेजर पा डेय 7. ‘अलाव’ नागाजुन ज मशती वशेषांक सं. रामकुमार कृषक 8. ‘उ ावना’ नागाजुन वशेषांक सं. अजेय कुमार, द ल

  • 42

    पा य म-8 (ग) ेमच द इकाई-1 ेमचंद का समय और सा ह य

    युगीन सा हि यक पृ ठभू म तथा ेमच द का सा ह य ेमच द के ारं भक ह द उप यास ेमच द के सा ह य म रा य चेतना ेमच द क वचारधारा

    इकाई-2 ेमचंद का सा हि यक प रवेश

    (क) ामीण जीवन का च ण (ख) जमींदार था और कसान जीवन (ग) नार सम या (घ) उप यास- श प और भाषा

    इकाई-3 नधा रत उप यास

    (क) नमला (ख) गोदान

    इकाई-4 कहा नया ँ

    (क) नशा (ख) पूस क रात (ग) ठाकुर का कुआ ँ(घ) मं (ङ) सदग त (च) कफ़न

    इकाई-5 नधा रत नबंध

  • 43

    (क) सा ह य का उ े य (ख) कहानी-कला – 1,2,3 (ग) उप यास (घ) उद,ू ह द और ह दु तानी (ङ) जीवन म सा ह य का थान

    नदशः पांच यू नट से आलोचना मक न पूछे जाएँगे

    अंक वभाजन : 20X5=100 अनुमो दत ंथ

    1. ेमचंद और उनका युग राम वलास शमा 2. ेमचंद के उप यास : पुनमू यांकन डॉ. शैलेश ज़ैद 3. कलम का सपाह अमृतराय 4. ेमचंद : एक ववेचन इ नाथ मदान 5. ेमचंद स ये 6. गोदान राजे वर गु 7. ेमचंद के उप यास का श प कमल कशोर गोयनका 8. ेमचंद वरासत का सवाल शवकुमार म 9. गोदान का मह व गोपाल राय

  • 44

    पा य म-9 - मौ खक पूणाक : 100


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